[6] पहला उपन्यास प्रकाशन धारावाही प्रकाशन के पूरा होने के छह महीने पहले प्रदर्शित हुआ था.
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यह धारावाही प्रकाशन साढें तीन साल के लिए चला और हर सप्ताह बहुत रूचि के साथ इसके प्रकाशन की प्रतीक्षा की जाती थी.
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यह धारावाही प्रकाशन साढें तीन साल के लिए चला और हर सप्ताह बहुत रूचि के साथ इसके प्रकाशन की प्रतीक्षा की जाती थी.
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1-सिस्टर वाल्सा की हत्या: डब्ल्यूएसजे की जांच-एक ईसाई नन और ग्रामीण भारत में कार्यरत्त एक सामाजिक कार्यकर्ता सिस्टर वाल्सा जॉन मालामेल के जीवन और मौत की खोज करता एक धारावाही प्रकाशन है।
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पहला धारावाही प्रकाशन, 30 जनवरी से 3 फरवरी तक प्रकाशित किया गया, जो उस ईसाई नन की जिंदगी और मौत की पड़ताल करता था, जिन्होंने झारखंड के आदिवासी लोगों के बीच रहकर उनके लिए काम किया।
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दूसरा धारावाही प्रकाशन था, सानिया (दो वर्षीय बच्ची, जिसे भारत ने बेबी फलक के नाम से जाना) की कहानी का पुनर्निर्माण, जिसे जनवरी में पस्त हालत में नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था।